उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी मोनाल दोहरे खतरे से जूझ रहा है
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी मोनाल दोहरे खतरे से जूझ रहा है। अवैध शिकार के साथ आवास क्षेत्र में बदलाव इनके जीने के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। बुग्यालों में इनके आवास की सबसे पसंदीदा जगह जूनिपर झाड़ियों का धीरे-धीरे कम होना इनके अस्तित्व के लिए सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। राज्य पक्षी पर नए संकट को कुमाऊं विश्वविद्यालय के एमबीपीजी कॉलेज में जंतु विज्ञान विभाग की ओर से बन रहे रिसर्च पेपर में उजागार किया गया है।
हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज के प्रो. डॉ. सीएस नेगी के अनुसार साल 2005 से बुग्यालों में हो रहे बदलावों पर अध्ययन जारी है। उनके अनुसार जब वे 2000 मीटर की ऊंचाई से बुग्यालों की तरफ बढ़े तो निचले क्षेत्र में मोनाल के बच्चों का झुंड दिखाई दिया। निचले क्षेत्र में इनका दिखना आश्चर्यजनक है, क्योंकि आमतौर पर 3000 से 3200 मीटर (8 से 15 हजार फीट ) की ऊंचाई पर ही मोनाल दिखाई देता है।
इन बुग्यालों में दोहन
अध्ययन में सामने आया है कि मरझाली, फातव, छिपलाकेदार, दोंग,नावलिधुरा, नामिक, फातव और जानथरी बुग्यालों में जूनिपर झाड़ियां कम होने लगी हैं। इनमें से कई बुग्याल में जूनिपर न के बराबर रह गया है।
आप लोग उत्तराखंड को सपोर्ट करो
सबसे अच्छा पुरे भारत में एक मोनाल ही हैं
अगर आप लोगो का साथ मिले तो आप लोग इन पंछियों को बचा सकते हो एक शेयर जरुर करना
आपका अपना उत्तराखंड नैनीताल ,कुमाऊ गडवाल
अगर आप लोग उत्तराखंड के हो तो आप इस पोस्ट को शेयर जरुर करे
धन्यबाद
पंकज भट्ट नैनीताल उत्तराखंड
No comments:
Post a Comment